सूर्य ग्रह का द्वादश भाव में प्रभाव और उपाय-प्रथम भाव में सूर्य ( Placement of Sun in the First House)
लाल किताब के अनुसार ग्रह को जगाने का अर्थ है उसे शुभ फलदायी बनाना. अगर सूर्य मंदा हो तो उसे शुभ फलदायी बनाने के लिए 24 वर्ष के बाद शादी करनी चाहिए. व्यक्ति को अपने मान मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए किसी के आगे व्यर्थ नहीं झुकना चाहिए. इस खाने में स्थित सूर्य के मन्दे फल से बचाव के लिए व्यवहार एवं चरित्र का भी ख्याल रखना चाहिए.
द्वितीय भाव में सूर्य (Placement of Sun in the Second House)
सूर्य द्वितीय भाव में मंदा हो तो मंदे प्रभाव से बचाव हेतु कुटुम्बीजनों से आशीर्वाद लेना चाहिए. व्यक्ति को दूसरे का धन नहीं लेना चाहिए. अगर उपहार में भी धन प्राप्त हो तो उससे भी परहेज रखना चाहिए. इस भाव में सूर्य वाले व्यक्ति के लिए लालच हानिकारक होता है.
लाल किताब की कुण्डली मे सूर्य तीसरे घर में अशुभ होकर बैठा हो तो चारित्रिक दुर्बलताओं से स्वयं को बचाकर रखना चाहिए. रविवार के दिन तांबे का पात्र मन्दिर में दान करने से सूर्य का मन्दा फल दूर होता है. रविवार के दिन चांदी का चौकोर टुकड़ा धारण करने से भी सूर्य नेक होता है.
सूर्य अगर चौथे खाने में अशुभ होकर बैठा हो तो व्यक्ति को अपना मन शांत रखना चाहिए. कलह और विवाद में उलझना हानिप्रद होता है. बुजुर्गों का अशीर्वाद लेना चाहिए. किसी भी व्यक्ति को कष्ट अथवा नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए अन्यथा सूर्य का फल और भी मंदा हो जाता है. लोहे और मशीनरी के काम में लाभ की संभावना नहीं रहती, बल्कि व्यक्ति को नुकसान होता है अत: इन वस्तुओं के कारोबार से बचना चाहिए.
पांचवें भाव में मंदे सूर्य को नेक बनाने के लिए घर में पूर्व और उत्तर दिशा में रोशनदान रखना चाहिए. सूर्य का शुभ फल प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को दसरों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए. जिद्द और हठी होना इस भाव में मंदे सूर्य को और भी मंदा करता है अत: इनसे बचना चाहिए.
छठे भाव में सूर्य मंदा होने पर सूर्य के मंदे प्रभाव को दूर करने के लिए रात्रि के समय दूध डालकर अग्नि को बुझाना चाहिए.बन्दर को गुड़ खिलाने से भी छठे भाव में सूर्य का मंदा फल प्रभावी नहीं होता है. घर में नदी का जल रखने से सूर्य का शुभ फल प्राप्त होता है. चीटियों को चीनी डालने से सूर्य का मंदा प्रभाव नहीं प्राप्त होता है.
सूर्य सातवें घर में मंदा होकर बैठा हो तो चांदी का चौकोर टुकड़ा ज़मीन में दबाने से मंदा फल दूर होता है.इस भाव में मंदे सूर्य को नेक बनाने के लिए आदित्य हृदयस्तोत्र एवं हरिवंश पुरण का पाठा करना चाहिए. सींग वाली गाय की सेवा करनी चाहिए. बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए.
अगर सूर्य आठवें घर में मदा होकर अशुभ फल दे रहा हो तो इसे नेक बनाने के लिए बरसात का पानी जमा करके घर के पूर्व दिशा में रखना चाहिए. किसी कार्य को शुरू करने से पहले मीठी वस्तुओं का सेवन करना चाहिए. किसी भी काम में असामाजिक और अनैतिक आचरण वाले लोगों की सहायता नहीं लेनी चाहिए.
सूर्य अगर नवम खाने में मंदा हो तो मनोकामना पूर्ति के लिए भूमि पर सोना चाहिए. सूर्य के मंदे प्रभाव से बचाव हेतु घर में टूटे फूटे बर्तनो को नहीं रखना चाहिए. (घर के बड़े और आदरणीय व्यक्तियों से आशीर्वाद लेना चाहिए. अपने स्वभाव को सामान्य रखना चाहिए न तो अधिक क्रोध करना चाहिए और न ही अधिक शांत होना चाहिए.
दसवें घर में बैठा सूर्य अगर मंदा फल दे रहा हो तो सूर्य का शुभ फल प्राप्त करने के लिए 43 दिनो तक तांबे का सिक्का नदी मे प्रवाहित करना चाहिए. आदित्य हृदय स्तोत्र और हरिवंश पुराण का पाठ शुभ फलदायी होता है. सूर्य को नियमित जल देने से भी इस भाव मे स्थित सूर्य का मंदा फल दूर होता है.
सूर्य एकादश भाव में अशुभ हो तो लाल किताब के अनुसार इसे नेक बनाने के लिए व्यक्ति को मांस मदिरा के सेवन से परहेज रखना चाहिए. कल पूर्जे वाले सामान, मशीन आदि खराब हो गए हों तो उसे ठीक करा लेना चाहिए अन्यथा घर में नहीं रखना चाहिए इससे भी सूर्य मंदा फल देता है. सूर्य मंदा होने पर घर में काला पत्थर रखना भी अशुभ फल देता है.
द्वादश भाव में सूर्य ( Placement of Sun in the Twelfth House) खाना नम्बर 12 में सूर्य मंदा हो तो नेक प्रभाव पाने के लिए नदी में कच्चा जल प्रवाहित करना चाहिए. मंदे सूर्य से नेक फल पाना हो तो 43 दिनों तक नदी में गुड़ प्रवाहित करना चाहिए. 24 वर्ष के बाद विवाह करना से एवं तीन माला गायत्री मंत्र का जप करना भी मंदे सूर्य के मंदे फल को दूर करने में सहायक होता है.(सूर्य ग्रह का द्वादश भाव में प्रभाव और उपाय)